लेख-निबंध >> ठूँठा आम ठूँठा आमभगवतशरण उपाध्याय
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भारतीय सभ्यता, संस्कृति और समाज को प्रभावित करनेवाले कारकों की क्रिटिक है 'ठूँठा आम'….
भारतीय सभ्यता, संस्कृति और समाज को प्रभावित करनेवाले कारकों की क्रिटिक है 'ठूँठा आम'। कृतिकार भगवतशरण उपाध्याय भारतीय गौरव के गुणगायक रहे हैं। उन्होंने अपने लेखन में विविध भंगिमाएँ अपनाकर भारतीय परम्परा को प्रतिष्ठित किया है। बारह शीर्षकों में विभाजित इस संकलन में तत्कालीन अनेक विषयों पर स्केच और रिपोर्ताज हैं,
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